भाषा में होता है ज्ञानऔर...अपना ज्ञान भी होता है भाषा काछोटे शब्दों में कहिए तोभाषा यानिज्ञान भीन मौन हैभाषाऔर न हीज्ञान मौन हैएक पहचान हैभाषा...जो अपने आप मेंपूर्णता तक ..पहूँचती है...पहुँच है तोएक मार्ग के साथऔर एक ही भाषाहोती ही नही मार्ग कीमौन होते हैं कईबोलिया भी है कईऔर अंततःयही होता हैज्ञान.......भाषासब की होती हैसब की अपनी भाषा होती है,सब भाषा में ही होते हैं,पर......
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